जोशीमठ लैंडस्लाइड से प्रभावित हुआ था, केन्द्र सरकार ने राज्य को सभी आवश्यक तकनीकी और अन्य जरूरी सहायता प्रदान की है. जोशीमठ के लिए रिकवरी योजना को 3 साल में लागू किया जाएगा.
केंद्र ने उत्तराखंड के जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपये की पुनर्निर्माण योजना को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी. जोशीमठ पिछले दिनों भूस्खलन और जमीन धंसने से प्रभावित हुआ था. केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने जोशीमठ के लिए 1658.17 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस योजना के तहत, 1079.96 करोड़ रुपये की केन्द्रीय सहायता राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के पुनर्निर्माण प्रकोष्ठ से दी जाएगी. बयान के अनुसार उत्तराखंड सरकार राहत के लिए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से 126.41 करोड़ रुपये और राज्य के बजट से 451.80 करोड़ रुपये मुहैया कराएगी. इसमें पुनर्वास के लिए 91.82 करोड़ रुपये की भूमि अधिग्रहण लागत भी शामिल है.
बयान में कहा गया है कि जोशीमठ भूस्खलन और भू-धंसाव से प्रभावित हुआ था और केन्द्र सरकार ने राज्य को सभी आवश्यक तकनीकी और अन्य जरूरी सहायता प्रदान की है. इसमें कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के मार्गदर्शन में सभी तकनीकी एजेंसियों ने त्वरित कार्रवाई कर जोशीमठ के लिए ‘रिकवरी’ योजना तैयार करने में राज्य सरकार की मदद की है.
एनटीपीसी को मिली थी क्लीन चिट
बयान के अनुसार जोशीमठ के लिए रिकवरी योजना को तीन साल में लागू किया जाएगा. उसके बाद जोशीमठ पारिस्थितिक स्थिरता का एक उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभरेगा. बता दें कि जोशीमठ भू-धंसाव के लिए एनटीपीसी की परियोजना को जिम्मेदार ठहराया जा रहा था हालांकि तमाम एजेसियों की जांच के बाद जीएसआई और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी ने एनटीपीसी को क्लीन चिट दी थी. जांच एजेंसियों ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जोशीमठ में आ रही दरारों का एनटीपीसी के काम से कोई संबंध नहीं है और जिस गगह भू-धंसाव हुआ है वहां से एनटीपीसी प्रोजेक्ट की दूरी एक किमी से भी ज्यादा है.