देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बीते साल (2023 में) सालाना आधार पर 49.25 प्रतिशत बढ़कर 15,29,947 इकाई हो गई. वाहन डीलर संघों के महासंघ (FADA) ने मंगलवार को यह जानकारी दी. आंकड़ों के अनुसार, ईवी उद्योग ने 2022 में कुल 10,25,063 वाहन बेचे थे.
हाल ही में समाप्त वर्ष में दोपहिया ईवी की बिक्री 36.09 प्रतिशत बढ़कर 8,59,376 इकाई हो गई, जो 2022 में 6,31,464 इकाई थी. इसी तरह तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 65.23 प्रतिशत बढ़कर 5,82,793 इकाई हो गई, जो 2022 में 3,52,710 इकाई थी.
ई-कमर्शियल वाहनों की बिक्री भी बढ़ी
ई-वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 114.16 प्रतिशत बढ़कर 5,673 इकाई हो गई, जबकि पिछले वर्ष यह 2,649 इकाई रही थी. फाडा के आंकड़ों के अनुसार, इलेक्ट्रिक यात्री वाहनों की बिक्री पिछले साल 114.71 प्रतिशत बढ़कर 82,105 इकाई हो गई, जो 2022 में 38,240 वाहन थी.
हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में 2030 तक सालाना 1 करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री होने की उम्मीद जताई थी. उन्होंने अनुमान जताते हुए कहा था कि इससे करीब 5 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी. वाहन आंकड़ों के अनुसार भारत में 34.54 लाख ईवी पहले ही पंजीकृत हैं.
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा दे रही सरकार
सरकार ने मौजूदा प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हाइब्रिड और पूरी तरह से ईवी में बदलने की अनुमति दी है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इसके लिए नियमों को अंतिम रूप दे दिया गया है और प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन सफलतापूर्वक किया गया है. उन्होंने कहा कि सरकार का इरादा सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक में तेजी से ईवी को बढ़ावा देने का है.
बता दें कि देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकारें इन वाहनों पर सब्सिडी दे रही हैं. इसके अलावा, रजिस्ट्रेशन शुल्क भी माफ कर रही है. उत्तर प्रदेश में जो लोग नए वाहन खरीद रहे हैं उन्हें रजिस्ट्रेशन जमा नहीं करना होगा और जो पहले जमा कर चुके हैं उन्हें सरकार यह रकम वापस कर रही है.