उत्तराखंड में लगातार बारिश से भूस्खलन और जलभराव, भीषण गर्मी के बाद आसमानी आफत से लोग परेशान
उत्तराखंड में हुई पहली बारिश ने ही अपना सितम बरपाया है. लगातार हो रही बारिश से प्रदेश में कई जगह पर जलभराव और भूस्खलन जैसी घटनाएं देखने को मिल रही है.
उत्तराखंड में मानसून आने के बाद कुछ हद तक लोगों को गर्मी से राहत मिली है. लगातार हो रही बारिश से लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली है. जहां उत्तराखंड में हीट वेव का खतरा बढ़ने लगा था वहीं अब बारिश होने से कई जगह पर जलभराव और भूस्खलन जैसी घटनाएं देखने को मिल रही है.
उत्तराखंड में जहां पर इस वक्त कई जगहों पर पानी भरा हुआ है. चाहे वह रामनगर हो या फिर हल्द्वानी कई जगहों पर जल भराव की घटनाएं देखी गई है. इसको लेकर आपदा प्रबंधन विभाग लगातार काम कर रहा है, लेकिन मानसून आने से पहले की जो तैयारी की गई थी वह सब धरी की धरी रह गई है.
पहली बारिश में जलमग्न हुआ उत्तराखंड
कुमाऊं के हल्द्वानी से सटे लालकुआं विधानसभा क्षेत्र में देर रात हुई मूसलाधार बारिश से लालकुआं में कई इलाके जलमग्न हो गया. भारी बारिश के चलते हुए जलभराव में रेलवे स्टेशन से लेकर खड्डी मोहल्ले तक पानी से पूरा इलाका जलमग्न हो गया. खड़ी मोहल्ले के लोगों को घर छोड़कर सारी रात इधर-उधर बितानी पड़ी. बताया जा रहा है कि कई लोगों का सामान और राशन भी इस जलभराव की चपेट में आ गया.
इधर-उधर बितानी पड़ी रात
यहां कई परिवारों को रात भर इधर-उधर भटक कर रात काटनी पड़ी. वहीं टांडा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण वन विभाग की चौकी और पुलिस चेक पोस्ट के साथ ही वन विभाग की गाड़ी भी पानी मे डूब गई. भारी बरसात के चलते रेलवे ट्रैक पर भी पानी भरा रहा. एसडीएम परितोष वर्मा ने एबीपी लाइव को बताया कि जानकारी मिलते ही पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया और जल्द से जल्द व्यवस्थाएं सही करने के निर्देश दिए है ताकि लोगो को राहत मिल सके वहीं नैनीताल जिले के रामनगर के सांवलदे इलाके में भी जलभराव की घटना देखने को मिली है. यहां भी बारिश ने अपना सितम बरपाया है.
उत्तराखंड में जलभराव से लोग परेशान
फिलहाल इसी इलाके में किसी भी प्रकार की जान माल की हानि तो नहीं बताई जा रही है, लेकिन जलभराव होने से स्थानीय लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा है. वहीं प्रशासन की अगर माने तो इन इलाकों में निगरानी रखी जा रही है और किसी भी व्यक्ति को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जा रही है. कई जन्म प्रतिनिधि भी इन इलाकों में दौरा करने गए, जिन्होंने मौके पर पहुंचकर जलभराव का जायजा लिया.