सुरंग का 65 मीटर हिस्सा टूटने से अंदर 40 मजदूर फंस गए. प्रशासन की टीम मौके पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है. रेस्क्यू का काम पूरा करने में समय की जानकारी नहीं है.
उत्तरकाशी जिले में दिवाली के दिन बड़ा हादसा हुआ है. सुरंग का एक हिस्सा टूटने से दर्जनों मजदूर अंदर फंस गए. जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग की टीम रेस्क्यू कार्य में जुटी हुई है. वहीं इस टनल हादसे के संबंध में अपडेट देते हुए निर्माण एजेंसी नवयुगा कंस्ट्रक्सन कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि टनल के अंदर 40 मजदूर फंसे हैं.
बताया जा रहा है कि सिलक्यारा साइड से 179 मीटर आगे सुरंग का 65 मीटर हिस्सा टूटा है. ऑलवेदर रोड परियोजना की सुरंग ब्राह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक बनाई जा रही है. 4.5 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है. करीब चार किलोमीटर हिस्से की खुदाई का काम पूरा हो चुका है. यमुनोत्री राजमार्ग पर सिलक्यारा और पौलगांव के बीच बन रही 4.5 किमी लंबी अत्याधुनिक सुरंग की लागत लगभग 853 करोड़ है.
सुरंग का एक हिस्सा टूटने से अंदर फंसे मजदूर
सुरंग के निर्माण कार्य में 700-800 से अधिक मजदूर दिन-रात जुटे हैं. उम्मीद थी कि फरवरी 2024 तक सुरंग आर-पार हो जाएगी. सुरंग बनने से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 25 किमी कम होगी और समय भी 50 मिनट बचेगा. साथ ही उत्तरकाशी जिले की रवाई घाटी को शीतकालीन की बर्फबारी से मार्ग बंद होने की समस्या दूर होगी. रवाई घाटी में करीब दो लाख की आबादी निवास करती है. साल 2019 में 7 जनवरी से नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की देखरेख में यमुनोत्री हाईवे पर सुरंग का निर्माण न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड से किया जा रहा है.
मौके पर प्रशासन का रेस्क्यू ऑपरेशन है जारी
सिलक्यारा की तरफ से निर्माणाधीन टनल का एक छोर आज सुबह अचानक टूट गया है. शिफ्ट चेंजिंग के दौरान सुरंग में करीब दर्जनों मजदूर फंस गए. जिला प्रशासन ने 40 मजदूरों के फंसे होने की आशंका जताई है. पुलिस अधीक्षक उत्तरकाशी के नेतृत्व में पुलिस, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, फायर, आपातकालीन 108 और कार्यदायी संस्था एनएचआइडीसीएल मौके पर बोरवेलिंग और सुरंग खुलवाने का काम कर रहे हैं. सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर उपबल्ध होने की बात कही जा रही है.
पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि प्रशासन राशन पहुंचाने के लिए सुरंग की साइड से सेफ रूट बनाने का काम कर रहा है. वर्टिकल बोरिंग मशीन मौके पर आ रही है. मशीन की मदद से रास्ता बनाने का काम शुरू होगा. एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें भी रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं. रेस्क्यू में लगनेवाले समय की सटीक जानकारी नहीं दी जा सकती. सुरंग में फंसे लोगों को निकालने का काम युद्ध स्तर पर जारी है.
यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल ने कहा कि मजदूरों को सुरंग से निकलने में लगनेवाले समय ठीक-ठीक बताना मुश्किल है. बताया जा रहा है कि अंदर फंसे लोग सुरक्षित हैं. 2.50 किलोमीटर का एरिया खाली हो गया है. सुरंग के अंदर ऑक्सीजन की व्यवस्था कर दी गई है. जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने पत्रकारों को बताया कि सिलक्यारा से पालगांव तक की सुरंग बन रही है. उत्तरकाशी जनपद में दुर्घटना की सूचना प्राप्त हुई है.
प्रशासन की तरफ से विभिन्न विभागों के अधिकारियों, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ की टीमों को मुस्तैद किया गया है. पुलिस के आलाधिकारी दुर्घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं. अभी प्रयास किया जा रहा है कि जल्द से जल्द स्थिति को सामान्य किया जाए और अंदर फंसे लोगों का बाहर निकाला जाए. अंदर फंसे मजदूरों का आंकड़ा करीब 36 से 40 है. सभी मजदूर अलग अलग जगहों के हैं.