अब ऋषिकेश-बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड और कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-गोपेश्वर हाईवे पर रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक यात्री व पर्यटक वाहनों का संचालन नहीं हो पायेगा.
15 जून को बद्रीनाथ हाईवे पर हुए हादसे के बाद प्रशासन लगातार एक्शन मोड पर नजर आ रहा है. रुद्रप्रयाग के पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटनाओं व आगामी मानसून सीजन को देखते हुए ऋषिकेश-बद्रीनाथ, रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड और कुंड-ऊखीमठ-चोपता-मंडल-गोपेश्वर हाईवे पर रात दस बजे से सुबह पांच बजे तक यात्री व पर्यटक वाहनों का संचालन नहीं हो पायेगा. व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए एसपी डॉ विशाखा भदाणे ने जनपद के सभी बैरियर पर तैनात पुलिस अधिकारियों को और अधिक सक्रिय होकर वाहनों की चेकिग के निर्देश दिए हैं.
गौरतलब है कि बीते सप्ताह 15 जून को बद्रीनाथ हाईवे पर रैंतोली में टेंपो-ट्रैवलर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें चालक सहित 15 लोगों की मौत हो गई थी. जबकि 11 लोग घायल हो गए थे. हादसे के बाद से जिले में रात के समय यात्री व पर्यटक वाहनों के संचालन पर रोक को लेकर पुलिस और प्रशासन योजना बनाने में जुट गए थे. प्रशासन और पुलिस ने मिलकर योजना बनाते हुए जनपद में तीनों हाईवे पर यात्री व पर्यटक वाहनों के रात्रि संचालन पर रोक लगा दी है.
रात 10 से सुबह 5 बजे तक वाहनों पर रोक
यात्रियों की सुरक्षा और सड़क हादसों में कमी लाने के लिए रुद्रप्रयाग प्रशासन ने नया प्लान तैयार किया है. नई व्यवस्था के अनुसार अब रात्रि दस बजे से सुबह पांच बजे तक जिले में किसी भी प्रकार के यात्री व पर्यटक वाहनों पर पूर्णतया रोक लगा दी गई है. पुलिस उपाधीक्षक प्रबोध घिल्डियाल ने बताया कि पर्वतीय क्षेत्र में रात के समय यात्री एवं पर्यटकों के वाहनों पर रोक रहेगी. इस व्यवस्था से तीर्थयात्रियों को भी कोई परेशानी नहीं होगी. साथ सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी. इससे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पर्वतीय क्षेत्रों के ड्राइवरों के ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए नियमों में बदलाव किया था.