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सुरंग में स्ट्रेचर पर होंगे मजदूर, बाहर से खींचेंगे एनडीआरएफ के अधिकारी, जानें रेस्क्यू ऑपरेशन की क्या है आखिरी तैयारी

उत्तरकाशी सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने का ऑपरेशन आखिरी चरण में है. मजदूरों को निकालने के लिए एनडीआरएफ ने विशेष उपाय किए हैं. एम्बुलेंस समेत अन्य व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं.

 उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिलक्यारा सुरंग हादसे में फंसे मजदूरों को निकालने के अभियान का आज शुक्रवार (24 नवंबर) को 13वां दिन है. ऑपरेशन आखिरी चरण में है. इन सभी मजदूरों को निकालने के लिए एनडीआरएफ ने विशेष व्यवस्था की है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक रेस्क्यू पाइप मजदूरों तक पहुंचते ही एनडीआरएफ की टीम एक-एक कर मजदूरों को बाहर निकालेगी. इसके लिए रोलिंग स्ट्रेचर भी तैयार रखे गए हैं, जिनपर मजदूरों को सुरक्षित निकाला जाएगा. नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने बताया कि सभी मजदूर स्वस्थ्य हैं. मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ लगातार उनसे संपर्क में हैं. 41 एंबुलेंस को बाहर तैयार रखा गया है. जैसे ही मजदूरों को निकाला जाएगा, उन्हें ग्रीन कॉरिडोर से सीधे अस्पताल ले जाया जाएगा.

मजदूरों तक पहुंचाई गई पाइप

सुरंग में फंसे मजदूरों तक 80 सेंटीमीटर रेडियस की रेस्क्यू पाइप पहुंचाई गई है. खैरवाल ने बताया कि आखिरी पाइप इंस्टाल करने का काम आखिरी चरण में है. इसके बाद पाइप के जरिए एक-एक कर मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा. एडीआरएफ की 21 सदस्यीय टीम बाहर तैनात रहेगी. उनके पास एक ऑक्सीजन पैक मास्क और एक रोलिंग स्ट्रेचर है. सबसे पहले एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम द्वारा रेस्क्यू पाइप को साफ किया जाएगा. इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि इसमें कोई मिट्टी या पत्थर न रह जाए.

एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवाल ने कहा कि रेस्क्यू पाइप मजदूरों को बाहर निकालने के लिए काफी है. हमारी टीम ने इसका रिहर्सल भी किया है. कुल 60 मीटर सुरंग की ड्रिलिंग मशीन से की जानी है. इससे अधिक जगह पाने में मदद मिलेगी. अधिकतर काम हो गया है. केवल छह मीटर लंबी स्टील पाइप और बिछाई जानी है.

स्ट्रेचर पर लिटाकर मजदूरों को बाहर से खींचा जाएगा

पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि मजदूरों को रोलिंग स्ट्रेचर पर लिटाकर बाहर से रस्सी से खींचना होगा. ऐसे में मजदूरों को एक-एक करके बाहर निकाला जाएगा. इस प्रक्रिया में सभी मजदूरों को निकालने में कम से कम तीन घंटे लगेगा. 41 एंबुलेंस से मजदूरों के बाहर आने पर उन्हें चिन्यालीसौड़ के सामुदायिक केंद्र में 41 बेड के विशेष वार्ड में रखा जाएगा. जिन मजदूरों की सेहत अधिक बिगड़ेगी, उन्हें एम्स ऋषिकेश ले जाया जाएगा.

आपको बता दें कि सुरंग में मजदूरों तक पाइप पहुंचाने के लिए खुदाई का काम 46.8 मीटर पूरा हो चुका है. खुदाई की राह में कोई बाधा न आए इसके लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है. NDRF का कहना है कि रेस्क्यू ऑपरेशन आखिरी चरण में है. जल्द काम पूरा हो सकता है.

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