वायु प्रदूषण की खराब होती स्थिति ने दिल्ली के पड़ोसी राज्य उत्तराखंड को सतर्क कर दिया है. रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए तीन स्टेशन बनाए गए हैं.
दिल्ली और एनसीआर की आबोहवा लगातार जहरीली होती जा रही है. वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में सुधार के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. दमघोंटू हवा ने पड़ोसी राज्य उत्तराखंड को भी सतर्क कर दिया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव शुशांत पटनायक ने बताया कि ऋषिकेश, देहरादून और काशीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए स्टेशन बनाए गए हैं. एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन लगातार प्रदूषण की ताजा स्थिति से अपडेट कर रहे हैं.
दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण से उत्तराखंड सतर्क
वायु गुणवत्ता की वीकली और मंथली बेसिस मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड की आबोहवा बहुत बेहतर है. देहरादून का एयर क्वालिटी इंडेक्स 124 और काशीपुर का सबसे जायदा 140 है. उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के मामले में उत्तराखंड दिल्ली और मुंबई जैसा नहीं है. उत्तराखंड की आबोहवा को और बेहतर करने के प्रयास किए जा रहे हैं. पहाड़ी जनपदों में ज्यादातर स्थानीय लोगों का आवागमन है. पहाड़ों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से कम है.
रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए तीन शहरों में स्टेशन
इसलिए वायु प्रदूषण के मामले में उत्तराखंड की स्थिति बेहतर है. हालांकि दीपावली पर पटाखों की वजह से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. लेकिन सदस्य सचिव को उम्मीद है कि दीपावली पर्व पर वायु की गुणवत्ता बरकरार रहेगी. इस बार देहरादून, ऋषिकेश, टिहरी, हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर, हल्द्वानी और नैनीताल में 5 से 19 नवंबर तक कुल 15 दिन वायु की गुणवत्ता जांच की जा रही है. पहली बार पर्वतीय जनपद नैनीताल और टिहरी में भी वायु गुणवत्ता सूचकांक की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाएगी. सदस्य सचिव शुशांत पटनायक ने कहा कि प्रत्येक शहर में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है.