अगले 2 महीने इस एक्सप्रेसवे दौड़ायी गाड़ी, तो ‘जान और जेब’ दोनों पर पड़ सकती है भारी!
इस साल अब तक लगभग 1000 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तकरीबन 400 लोगों की जान जा चुकी है.
गौतम बौद्ध नगर पुलिस की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक, 15 दिसंबर से अगले दो महीने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर हल्की गाड़ियों के लिए स्पीड लिमिट 75 किमी/घंटा और भारी गाड़ियों के लिए 50 किमी/घंटा कर दी जाएगी. ताकि सर्दी में होने वाले कोहरे की वजह से संभावित दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सके.
यमुना एक्सप्रेसवे पर भी स्पीड में कमी
इससे पहले दिल्ली-आगरा को जोड़ने वाले यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने भी, 15 दिसंबर 2023 से 15 फरवरी 2024 तक हल्के और भारी वाहनों के लिए स्पीड लिमिट घटाकर 75 किमी/घंटा और 60 किमी/घंटा कर दी है. जबकि इन दोनों एक्सप्रेसवे पर हल्के वाहनों के लिए 100 किमी/घंटा और भारी वाहनों के लिए 80 किमी/घंटा है.
कम विजिबिलिटी बनती है दुर्घटना का कारण
सर्दियों के मौसम में सड़कों पर कोहरा होने की वजह से कम दूर तक का ही देखा जा सकता है. इसलिए सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर चलने वाली गाड़ियों की स्पीड लिमिट 15 दिसंबर, 2023 से 15 फरवरी, 2024 तक के लिए घटा दी गयी है, जोकि भारी वाहनों के लिए 50 किमी/घंटा और हल्के वाहनों के लिए 75 किमी/घंटा होगी. वहीं यातायात में असुविधा होने पर यातायात हेल्पलाइन नंबर 9971009001 पर संपर्क किया जा सकता है.
काटे जायेंगे चालान
पुलिस उपायुक्त (यातायात) अनिल कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया, कि सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर चालान के रूप में कानूनी कार्यवाही भी जारी रहेगी. जिसके तहत गौतम बौद्ध नगर पुलिस स्पीड लिमिट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ 2,000 रुपए का जुर्माना भी लगायेगी.
ड्राइविंग लाइसेंस हो सकता है निरस्त
पीटीआई-भाषा को दी गयी जानकारी के मुताबिक, तीन से ज्यादा बार चालान कटने पर ड्राइविंग लाइसेंस भी निलंबित किया जा सकता है. इसके बाद शिकायत मिलने पर गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी रद्द किया जा सकता है.
अधिकारियों के मुताबिक, इस साल अब तक लगभग 1000 सड़क दुर्घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं, जिनमें नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तकरीबन 400 लोगों की जान जा चुकी है. इसके अलावा इस साल अपराधियों के खिलाफ 14 लाख से ज्यादा चालान जारी किए गए हैं, जोकि 2022 की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा हैं.