उत्तराखंडराजनीति

वोटरों की चुप्पी, उम्मीदवारों की बढ़ गई धुकधुकी, चुनावी शोर में खामोशी

उत्तराखंड राज्य में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी. लेकिन इस बार मतदाताओं की खामोशी ने हर उम्मीदवारों के हौंसले को पस्त कर दिया है. उत्तराखंड में शुक्रवार को 5 लोकसभा सीटों पर मतदान होना है. लेकिन मतदाताओं की खामोशी बीजेपी कांग्रेस समेत सभी उमीदवारों को टेंशन में डाले हुए है. गांव तक उम्मीदवारों का प्रचार भी ठंडा ही रहा तो शहरों में भी वोटर्स की दिलचस्पी कम ही चुनावों में दिख रही है. राजनीतिक दलों के दावे पर भी जनता इस चुनाव में भरोसा पैदा नहीं कर सकी तो प्रशासन लोगों से वोट की अपील कर रहा है.

दरअसल अचार सहिंता लागू होने के बाद भी 2019 जैसा प्रचार बीजेपी और कांग्रेस में नहीं दिखा तो जनता के स्थानीय मुद्दों से नेताओं की दूरी भी वोटर को नहीं लुभा सकी. हालांकि प्रशासन लगातार वोट के लिये लोगों से अपील तो करता रहा. लेकिन कनेक्ट कम ही लोगों को कर सका है. बहरहाल कल वोटिंग होनी है और चिंता कम वोटिंग को लेकर है, जो प्रशासन से लेकर चुनाव लड़ रहे उमीदवारों के माथे पर बल डाले हुए है.

त्तराखंड के पांचों लोकसभा क्षेत्रों में शुक्रवार को पहले चरण में होने वाले मतदान के लिए बुधवार शाम को चुनाव प्रचार थम गया. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बीवीआरसी पुरूषोत्तम ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि उत्तराखंड में शाम पांच बजे चुनाव प्रचार समाप्त हो गया. वर्ष 2014 और 2019 में राज्य की पांचों लोकसभा सीट पर जीत का परचम फहराने वाली सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को इस बार भी पुराना प्रदर्शन दोहराने की उम्मीद है.

राज्य की सभी लोकसभा सीट-पौड़ी गढ़वाल, टिहरी, अल्मोड़ा (सुरक्षित), हरिद्वार और नैनीताल-पर 19 अप्रैल को मतदान है. पिछले एक पखवाड़े में चुनाव प्रचार में तेजी आयी और इस दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जे पी नडडा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड में उनके समकक्ष पुष्कर सिंह धामी सहित भाजपा के तमाम स्टार प्रचारकों ने राज्य के कोने-कोने में चुनावी रैलियां और रोड शो कर तीसरी बार केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनता से समर्थन मांगा.

दूसरी तरफ, शुरूआत से ही कांग्रेस की तरफ से प्रदेश में चुनाव प्रचार की कमान स्थानीय नेताओं ने ही संभाली रखी। हांलांकि, तेरह अप्रैल को पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रदेश में रामनगर और रूड़की में दो जनसभाएं कर कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए जनता से समर्थन मांगा.

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