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पेड़ बनाए करोड़पति! बीमारी में ‘संजीवनी बूटी’ तो कमाई में ‘कुबेर का खजाना’, महोगनी लगाकार खेत में उगाएं दौलत

निश्चित ही सभी प्रकार के पेड़-पौधे हमारे जीवन, समाज और वातावरण के बहुत उपोयगी होते हैं. लेकिन कुछ पेड़-पौधे ऐसे होते हैं, जो काया ही पलट देते हैं. आज इस आर्टिकल में हम एक ऐसे पेड़ की चर्चा कर रहे हैं, जो बीमारी के लिए संजीवनी बूटी है तो कमाई के लिए किसी कुबेर के खजाने से कतई कम नहीं है. अमिताभ बच्चन के साथ सामान्य ज्ञान के सवालों का जवाब देकर लोगों को करोड़पति बनते आने जरूर देखा होगा, लेकिन इनकी संख्या कितनी है…पांच-दस, बीस-पच्चीस या फिर पचास. लेकिन महोगनी एक ऐसा पेड़ है जिसकी खेती करके कुछ ही समय में कोई भी किसान करोड़पति बन सकता है. महोगनी एक ऐसा पेड़ है जिसे लगाकर आप भी कहेंगे- ‘जनाब पैसा पेड़ पर लगता है.’

बात दरअसल ये है कि महोगनी की लकड़ी बहुत महंगी बिकती है. साथ ही इसके पत्ते, फूल और फल, सभी में औषधीय गुण होते हैं, इसलिए इस पेड़ का हर हिस्सा बेहद काम का होता है. इसकी खासियतों के चलते ही कुछ लोग महोगनी को पैसे वाला पेड़ भी कहते हैं.

महोगनी की लकड़ी से बनते हैं जहाज
महोगनी की लकड़ी बहुत मजबूत होती है. सालोसाल पानी में पड़ी रहने के बाद भी इसकी लकड़ी का कुछ नहीं बिगड़ता. इसकी लकड़ी का इस्तेमाल पानी के जहाज बनाने, सजावटी मूर्ति तथा सामान और संगीत के वाद्य यंत्र बनाने के लिए किया जाता है. इसलिए महोगनी की लड़की की बाजार में हमेशा मांग बनी रहती है. विदेशी मुल्कों से सबसे ज्यादा मांग आती है. खासकर अमरीका, ब्राजील और कनाडा में महोगनी की लकड़ी, बीज और पत्ती की मांग हमेशा बनी रहती है.

कई बीमारियों में भी कारगर
महोगनी की लकड़ी ही नहीं इसके बीज और पत्ती औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. इसलिए दवा उद्योग में इसकी मांग बनी रहती है. बीज और पत्तों का इस्तेमाल ताकत वाली दवा बनाने में होता है. कैंसर, अस्थमा, ब्लड प्रेशर, सर्दी और शुगर सहित कई बीमारियों के इलाज में महोगनी के पत्तों का इस्तेमाल किया जाता है.

इसकी पत्तियों में विशेष प्रकार का तेल होता है जिसका इस्तेमाल साबुन, रंग-रोगन और वार्निग उद्योग में होता है. इसकी पत्तियों से कीटनाशक भी तैयार होता है.

इन जगहों पर कर सकते हैं खेती
गौतमबुद्ध नगर के कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी प्रो. मयंक राय बताते हैं कि भारत में महोगनी की खेती पहाड़ी इलाकों को छोड़कर सभी मैदानी इलाकों में की जा सकती है. खेत की मेढ़ पर भी इसे लगाया जा सकता है. खास बात ये है कि इसकी खेती में कीटपतंगों से बचाव के लिए अलग से कोई स्प्रे आदि पर खर्चा नहीं करना पड़ता है.

हर हिस्से से कमाई
महोगनी इमारती पौधा होता है और इसकी लकड़ी लाल-भूरे रंग की होती है. महोगनी का पौधा 12 साल में लगभग 60 से 80 फुट ऊंचाई तक का घना पड़े बन जाता है. लकड़ी की कीमत इसकी क्वालिटी पर निर्भर करती है. और एक घन फुट लकड़ी की कीमत 1500 से 2500 रुपये तक होती है. एक पेड़ से लगभग 50 घनफुट लकड़ी मिल जाती है. इस प्रकार एक पेड़ की कीमत (अधिकतम) सवा लाख रुपये के आसपास बैठती है. इस तरह अगर किसान अपने खेत में महोगनी के 500 पौधे लगाता है तो 12 साल बाद तकरीबन 6 करोड़ रुपये के पेड़ बेच सकता है.

महोगनी के पेड़ हर पांच साल में बीज देता है और एक पेड़ से लगभग 5 किलोग्राम बीज मिल सकते हैं. बाजार में इनकी कीमत 1,000 रुपये प्रति किग्रा तक मिल जाती है. इस तरह एक पेड़ से 12 साल में 10,000 रुपये की कमाई केवल बीज से हो सकती है. इन सब के अलावा किसान खेत में महोगनी के पेड़ों के बीच अलग से फसल बो कर इंटीग्रेटेड फार्मिंग करके अलग से आमदनी हासिल कर सकते हैं.

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