यमुना एक्सप्रेसवे पर कम होगी दुर्घटनाओं की संख्या, IIT-दिल्ली ने अथॉरिटी को बताई खामियां
IIT दिल्ली ने यमुना एक्सप्रेसवे पर बढ़ रहे हादसों पर सर्वे की एक रिपोर्ट तैयार की है. हादसों को रोकने के लिए आईआईटी दिल्ली ने खामियों को यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी को बताया है.
यमुना एक्सप्रेसवे बनने से नोएडा से आगरा तक का सफर काफी कम समय में पूरा किया जा सकता है. इसीलिए बीते कई सालों से पुराने मथुरा रोड को छोड़कर अब ज्यादा से ज्यादा ट्रैफिक इसी एक्सप्रेसवे पर डाइवर्ट हो चुका है. जितना ज्यादा ट्रैफिक इस एक्सप्रेस वे पर ट्रांसफर हुआ है उतने ही हादसों की संख्या बढ़ गई है. इन बढ़ते हादसों को रोकने के लिए आईआईटी दिल्ली ने इस यमुना एक्सप्रेसवे का सर्वे किया और इस एक्सप्रेस वे पर मिली खामियों को यमुना एक्सप्रेसवे अथॉरिटी के सामने रखा. जिसके बाद उन खामियों पर काम शुरू हुआ.
आईआईटी दिल्ली द्वारा बताई गई खामियों को धीरे-धीरे जब पूरा किया जाने लगा तो साल दर साल हादसों में कमी आती दिखाई देने लगी. अब एक बार फिर 15 दिसंबर से लेकर 15 फरवरी तक यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों की स्पीड पर लगाम लगाई गई है. स्पीड लिमिट को 100 किलोमीटर प्रति घंटे से कम कर 75 किलोमीटर प्रति घंटा कर दिया गया है. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद के साथ की गई महावपूर्ण बैठक में यमुना एक्सप्रेस वे के लिए कई निर्णय लिए हैं. जिन्हें संबंधित विभाग को जल्द से जल्द पूरा करना होगा.
सीएम योगी ने ली थी उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में हुई उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक 2 दिसंबर को हुई थी. जिसमें यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाओं में रोकथाम के लिए कई बदलाव और जरूरी उपाय करने के निर्देश जारी किए गए. यमुना एक्सप्रेस वे पर पेट्रोलिंग वाहन, क्रेन, एंबुलेंस की संख्या को दोगुना किया जाएगा. साथ ही सुरक्षा के लिहाज से 64 नए कैमरे भी लगाए जायेंगे. इसके अलावा साइनेज बोर्ड, थर्मोप्लास्टिक पेंट, सड़क के दोनों किनारों पर रिफ्लेक्टिव लाइट समेत अन्य कार्य पूरे किए जाएंगे.
हादसों को रोकने के लिए दिए थे निर्देश
मुख्यमंत्री द्वारा जारी किए निर्देशों के मुताबिक यमुना एक्सप्रेसवे पर रोड साइनेज बोर्ड, थर्मोप्लास्टिक पैंट, सडक के दोनों किनारों पर रिपलेक्टिव लाइट सहित सभी लंबित कार्यों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए. यमुना एक्सप्रेसवे पर पेट्रोलिंग वाहनों जिनकी संख्या अभी 6 है, उनको दोगुना बढाए जाने के निर्देश दिए गए हैं. यमुना एक्सप्रेसवे पर लाइट कामर्शियल व्हीक्लस क्रेनो की संख्या को दोगुना बढाये जाने के निर्देश दिये गये हैं, मौजूदा समय में इनकी संख्या अभी 8 है.
कम हो सकती है यमुना एक्सप्रेसवे पर हादसों की संख्या
इसके साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे पर सीसीटीवी कैमरे बढाए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं, जिससे कि सर्विस रोड की भी निगरानी की जा सके. मौजूदा समय में 42 कैमरे लगे हैं. जिनमें 64 कैमरे और लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं. आईआईटी दिल्ली ने यमुना एक्सप्रेसवे का सर्वे किया और बहुत सारी खामियां सर्वे के दौरान बताई गई. जिनमें से 7 सबसे बड़े मेजर पॉइंट यमुना अथॉरिटी के सामने रखे गए और बताया गया कि अगर इन्हें जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाएगा तो इस रोड पर होने वाले एक्सीडेंट की संख्या कम हो सकती है.
1. एक्सप्रेस वे के प्रवेश और निकास द्वार पर जन सुविधाओं के पास रंबल स्ट्रिप लगाई जाए ताकि वहां पर वाहनों की गति कम हो सके.
2. निकास द्वार पर क्रश एंटीन्यूटर्स लगाए जाएं. एक्सप्रेस वे पर निकलते समय वाहन तेज गति से होते हैं. ऐसे में अगर वाहन अनियंत्रित होते भी हैं तो क्रश एंटीन्यूटर्स गाड़ी को क्षतिग्रस्त होने से बचाएंगे.
3. एक्सप्रेस वे पर साइन बोर्ड की संख्या बढ़ाई जाए, इसमें स्टॉप टोल प्लाजा जन सुविधाएं दूरी आदि का जिक्र हो.
4. एक्सप्रेस वे के किनारे बैरियर को और ऊंचा उठाया जाए ताकि बाहर से जानवर आदि ना आ सके.
5. एक्सप्रेस वे पर बनाई गई लेन को खत्म किया जाए अभी बाइक, कार ओवरटेकिंग लेन तय है.
6. वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए चालान सिस्टम को और दुरुस्त किया जाए अभी चालान सिस्टम है लेकिन बहुत प्रभावी नहीं है.
7. डिवाइडर की जगह प्लस मीडियन बनाया जाए (यह प्लेन होता है लेकिन वाहन नहीं चलते).
इस मुद्दे पर अभिनव सिंह चौहान, ट्रैफिक एंड ट्रांसपोर्टेशन एक्सपर्ट ने बहुत सारी जानकारियां साझा की. उन्होंने बताया कि सीमेंट रोड की लाइफ ज्यादा होती है और मेंटेनेंस लो होता है इसीलिए ज्यादातर जगहों पर अब इसी को बनाने का काम चल रहा है.
जगह-जगह लगाए जाएं साइन बोर्ड्स
उन्होंने बताया कि सीमेंटेड रोड की जो पेवमेंट होती है वह हीट को ऑब्जर्व नहीं करती है और रिफ्लेक्ट कर देती है. जिसकी वजह से गाड़ी के टायर जल्दी गर्म होते हैं. इसीलिए सीमेंटेड रोड की पेवमेंट रिजीड पेवमेंट कहलाती है और डामर रोड की पेवमेंट फ्लैक्सिबल और बिटमिनस पेवमेंट होती है. गाड़ी का आम टायर जो डामर रोड पर 40 हजार किलोमीटर तक चल सकता है. वह कंक्रीट या सीमेंटेड रोड पर महज 20 हजार किलोमीटर तक ही चल पाएगा.
उन्होंने बताया कि रोड पर ड्राइव करने वालों का अलर्टनेस मोड कितना एक्टिव हो पा रहा है यह भी देखना बेहद जरूरी होता है, इसलिए जगह-जगह साइन बोर्ड्स जरूर लगे होने चाहिए, जिन पर लोगों की नजर पड़े और वह पड़ेगी उस पर क्या-क्या चीजें लिखी हुई है या आगे क्या क्या आने वाला है. थोड़ी थोड़ी दूर पर रेस्ट रूम्स और टी प्वाइंट जरूर होना चाहिए ताकि गाड़ी ड्राइवर बिल्कुल फ्रेश रहे.
सही टायर का करें चुनाव
इसके साथ ही साथ रोड सेफ्टी एक्सपर्ट अभिनव ने बताया कि टायर कंपनी अभी अलग-अलग तरीके के टायर बनाती हैं. जितनी लग्जरी गाड़ी होगी उसके टायर उतने ही फ्लैक्सिबल होंगे और वह जल्दी खराब होते हैं क्योंकि वह गाड़ी और अंदर बैठने वालों की कंफर्ट पर सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं. उनके मुताबिक अगर आपकी गाड़ी का टायर खराब है या काफी घिसा हुआ है तो फिर सीमेंटेड एक्सप्रेस वे पर ज्यादा सफर नहीं करना चाहिए, यह खतरनाक हो सकता है.
रफ्तार पर लगानी होगी लगाम
यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे और धुंध के कारण होने वाली दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. 15 दिसंबर से यमुना एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहनों की रफ्तार पर लगाम लगाई जाएगी और 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाले वाहनों की रफ्तार घटाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटा कर दी गई है. यह निर्देश 15 दिसंबर से लेकर 15 फरवरी तक यमुना एक्सप्रेस वे पर जारी रहेंगे.
इसके साथ-साथ यमुना एक्सप्रेसवे पर रिफ्लेक्टिव टेप, साइन/रिफ्लेक्शन और सभी टोल प्लाजा बूथ पर फॉग लाइट लगाई जाएंगी. यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया है की यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरे/धुंध के समय अधिक दुर्घटनाएं होने की सम्भावना बनी रहती है. जिसको देखते हुए कोहरे/धुंध में जिन वाहनों की गति अधिकतम 100 किमी/घंटा है, उनकी गति सीमा को कम करते हुए 75 किमी/घंटा की जाएगी. ये दिनांक 15 दिसंबर से 15 फरवरी तक लागू रहेंगी. इस गति सीमा के बोर्ड भी यमुना एक्सप्रेसवे पर लगाये जायेंगे. साथ ही कोहरे/धुंध के समय यमुना एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर रहे वाहन चालको को दुर्घटनाओं से बचाने के लिए कोहरे में सुरिक्षत यात्रा के उपायों से सम्बन्धित पैम्फलेटस यमुना एक्सप्रेसवे के एंट्री/एग्जिट, टोल प्लाजाओं और रोड साईड फैसिलिटीज पर बँटवाया जायेंगे.
एक्सप्रेसवे पर लगाई जाए रिफलेक्टिव टेप
सभी टोल प्लाजाओं पर पीए सिस्टम के माध्यम से अनाउंसमेंट करवाई जायेगी. कोहरे में दुर्घटना से बचने के लिये उपायों से सम्बन्धित सूचना के बड़े बड़े डिस्प्ले बोर्ड्स के माध्यम से एक्सप्रेसवे के एंट्री/एग्जिट, टोल प्लाजाओं और रोड साईड फैसिलिटीज पर लगाये जाएंगे. शनिवार/रविवार व अवकाश के दिन यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनो का आवागमन अधिक होता है. इस अवधि में यमुना एक्सप्रेसवे के टोल प्लाजा के बूथ पर टोल टैक्स से सम्बन्धित वाहन चालकों को कोई समस्या न हो, इसके लिए भी प्रभावी व्यवस्था की जायेगी.
उन्होंने बताया कि यमुना एक्सप्रेसवे पर लगी रिफलेक्टीव टेपों में से अधिकतर साइन/रिफलेक्शन बहुत कम है, जिसके कारण एक्सप्रेसवे पर अंधेरा बना रहता है. जिसके चलते कोई भी दुर्घटना हो सकती है. इसलिए यमुना एक्सप्रेसवे पर तत्काल रिफलेक्टिव टेप लगायी जायेंगे. साथ ही यमुना एक्सप्रेसवे के एंट्री/एग्जिट पॉइंट पर फॉग लाइट लगायी जाएंगी.