केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों द्वारा युद्धस्तर पर चलाए गए बचाव अभियान के 17वें दिन मंगलवार को सुरंग में फंसे सभी श्रमिकों को बाहर निकाल लिया गया था.
उत्तरकाशी टनल से सकुशल बाहर निकले 41 मजदूरों को बुधवार को सरकार ने सेना के चिंकू हेलीकॉप्टर से ऋषिकेश एम्स में पहुंचाया था. सभी मजदूरों के स्वास्थ्य की गहन जांच और मानसिक परीक्षण करने के बाद उन्हें एम्स से छुट्टी दी जाएगी. एम्स में मजदूरों के आने से पहले तमाम व्यवस्थाएं चाक चौबंद कर ली गई थीं. हेलीकॉप्टर जैसे ही एम्स हेलीपैड पर उतरा एम्स के सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मोर्चा संभालते हुए फटाफट सभी मजदूरों को स्वास्थ्य परीक्षण के लिए एंबुलेंस और व्हीलचेयर के माध्यम से वार्ड में पहुंचाया.
डॉक्टरों की टीम ने सभी मजदूरों से एक-एक कर बातचीत की. फिलहाल डॉक्टरों की टीम का निष्कर्ष यही निकला है कि टनल से बाहर निकालने के बाद सभी मजदूर खुश और फिट दिखाई दे रहे हैं, लेकिन किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो इसलिए उनके तमाम प्रकार के ब्लड सैंपल जांच के लिए लिए जा रहे हैं. मजदूरों की मानसिक स्थिति को देखने के लिए साइकैटरिस्ट डॉक्टरों की टीम भी मौके पर मौजूद है.
कब मिलेगी मजदूरों को छुट्टी?
डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने बताया कि जिस हिम्मत के साथ सभी मजदूरों ने 16 दिन टनल के अंदर बिताए हैं. मजदूर तारीफ के काबिल हैं कि उन्होंने अपने हौसले को टूटने नहीं दिया. जांच में यदि किसी की रिपोर्ट में स्वास्थ्य को लेकर कुछ कमी मिलती है तो उसका उपचार किया जाएगा, नहीं तो सभी मजदूरों को जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी.
मुख्यमंत्री ने मुलाकात कर सौंपा राहत चेक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को श्रमिकों से मिलकर उनका हालचाल जाना था और उन्हें एक-एक लाख रूपये की प्रोत्साहन राशि का चेक सौंपा था. मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को निकालने के लिए चलाए गए बचाव अभियान के अंतिम दौर में मलबे में पाइप डालने के लिए ‘रैट माइनिंग तकनीक’ से हाथ से खुदाई करने वाले श्रमिकों को भी 50-50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की.