उत्तराखंड

‘राजनीतिक है धामी सरकार का ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट’, पूर्व CM हरीश रावत ने मांगा पुराना हिसाब

उत्तराखंड में होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पर सियासत हावी हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तंज कसते हुए राजनीतिक कार्यक्रम बताया है.

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में 8 और 9 दिसंबर को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट होने वाला है. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के जरिए धामी सरकार ने ढाई लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है. विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लंदन में रोड शो किया था. देश और विदेशों में 2 लाख करोड़ के करार होने से धामी सरकार उत्साहित है. लेकिन विपक्ष को सरकार का उत्साह रास नहीं आया.

8- 9 दिसंबर को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तंज कसते हुए  2018 में हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आंकड़ों की मांग कर डाली. उन्होंने 8 और 9 दिसंबर को होने जा रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को राजनीतिक बताया. उन्होंने कहा हरिद्वार में 300 से ज्यादा यूनिट बंद हो चुकी है. 2014 से काम करने वाले मजदूरों की संख्या आज आधी हो चुकी है. उन्होंने कहा कि सिलक्यारा सुरंग हादसे को इतिहास में याद रखा जाएगा. हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में लोगों की नौकरियां गई है. बेरोजगार हो चुके आधे लोगों को भी नौकरियां दोबारा मिलने से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट सफल माना जाएगा.

विपक्ष ने सरकार से मांगा पुराना आंकड़ा

उन्होंने सरकार को पिछले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का हिसाब किताब खंगालने की नसीहत दी. धामी सरकार ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने के लिए जोर शोर से तैयारियों में जुटी हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 8 दिसंबर को ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शिरकत करेंगे. उत्तराखंड सरकार का दावा है कि 2 लाख करोड़ के करार अभी तक देश और विदेश के कारोबारियों से कर लिए हैं. अब 8 और 9 दिसंबर को होने वाले ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट से उम्मीद जताई जा रही है कि 50 हजार से 1 लाख करोड़ का और करार हो सकता है. कई देशों और राज्यों में रोड शो कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निवेशकों को भरोसा दिलाया था कि राज्य का माहौल निवेश के अनुकूल है. उत्तराखंड में निवेश करने से उद्योगपतियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी.

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